चांदनी तेरे संग छत पे अकेली टहेल रही होगी,
चांदभी बादलो की रुपहरी कोरसे नीकला होगा,
कही मेरा जिक्र आ गया होगा...
कही रात भी तेरे संग पिघल रही होगी.
भीगे मौसम में यादों के बादल बरसते होगे,
तेरी पलके भी मोतीयो से भरी होगी....
रेसमी हवाके झोंको संग कोई गीत गुनगुनाया होगा.
आसमान के खुले आंचल से एक तारा कही तुटा होगा,
कुछ अल्फाझ दुआ बनकर तेरी नजरो से टपके होगे,
बस यही दुर मेरे दीलको एक सुकुन ने सजाया होगा.
तेरी उन्ही दुआओ की बरकत ने मेरी गझलो को सजाया होगा .... thank you
रेखा
आसमान के खुले आंचल से एक तारा कही तुटा होगा,
कुछ अल्फाझ दुआ बनकर तेरी नजरो से टपके होगे,
बस यही दुर मेरे दीलको एक सुकुन ने सजाया होगा.
तेरी उन्ही दुआओ की बरकत ने मेरी गझलो को सजाया होगा .... thank you
रेखा
3 comments:
લાગે છે જાણે આ વનરાવનમાંથી જ આ શમણાંની સુવાસ નિકળી રહી હોય... આ વનરાવનને તમારામાં સમાવજો અને અમે તમને તો એમાં સમાવી જ લીધા છે... તમારા આ સપનાં માટે આ કાન્હાજી હૃદયથી જગતનાં ઇશ એવા એ કાન્હાજીને પ્રાર્થના કરે છે. તમે આમાં અણધારી સફળતા મેળવો એવી શુભેચ્છાઓ અમારા (રાધાજી-કાન્હાજી) તરફથી...
www.vanravan.wordpress.com
Thanks.
So nice of you. Thank you.
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