Sunday, March 11, 2012

तेरी दुआओ की बरकत

चांदनी तेरे संग छत पे अकेली टहेल रही होगी,
चांदभी बादलो की रुपहरी कोरसे नीकला होगा,
कही मेरा जिक्र आ गया होगा...
कही रात भी तेरे संग पिघल रही होगी.
भीगे मौसम में यादों के बादल बरसते होगे,
तेरी पलके भी मोतीयो से भरी होगी....
रेसमी हवाके झोंको संग कोई गीत गुनगुनाया होगा.
आसमान के खुले आंचल से एक तारा कही तुटा होगा,
कुछ अल्फाझ दुआ बनकर तेरी नजरो से टपके होगे,
बस यही दुर मेरे दीलको एक सुकुन ने सजाया होगा.
तेरी उन्ही दुआओ की बरकत ने मेरी गझलो को सजाया होगा .... thank you
रेखा

3 comments:

Ketan said...

Rekha fabulous job. Keep up the good work. Ketanbhai

Karan said...

RekhaD - Just Awesome !!!
Beautiful Beautiful Work !!!

Unknown said...

thanks karan... :)