हमने प्यार से पूछा कैसे हो ?
सामने से कोई जवाब न आया.
इस बेरुखी से हमे ये ख्याल आया,
ये घडकता दील उन्हें पसंद न आया.
जब वक़्त मिले तब हमसे बात करते है
बात भी करे तो जैसे अहेसान करते है.
जब मूड बने तब मुलाकात करते है
मुलाकातो में भी फरीयाद करते है.
एक वक्त था जब हर पल हमें याद करते थे,
अबतो कच्छ की बारिश की तरह प्यार करते है.
रेखा (सखी)
सामने से कोई जवाब न आया.
इस बेरुखी से हमे ये ख्याल आया,
ये घडकता दील उन्हें पसंद न आया.
जब वक़्त मिले तब हमसे बात करते है
बात भी करे तो जैसे अहेसान करते है.
जब मूड बने तब मुलाकात करते है
मुलाकातो में भी फरीयाद करते है.
एक वक्त था जब हर पल हमें याद करते थे,
अबतो कच्छ की बारिश की तरह प्यार करते है.
रेखा (सखी)
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